इस उपन्यास में उन गालियों का लेखा-जोखा है; जो कृष्ण को चुनने पर; अर्जुन को पड़ी थीं। संसार को छोड़कर जो भगवान को चुनता है; समकालीन समाज उसे इस चयन के लिए कभी क्षमा नहीं करता। इस सनातन सत्य को समझने के लिए यह उपन्यास अनूठा है। गूढ़ भक्ति से परिपूर्ण यह आध्यात्मिक उपन्यास प्रत्येक भक्त और साहित्य प्रेमी के लिए गंगाजल के समान है। इसमें अर्जुन की आँख से देखे गए कृष्ण हैं ।