रामबाण
(रघुवंशनाथम् भाग- 8)
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इस उपन्यास में उन प्रश्नों के स्पष्ट उत्तर हैं जो आज तक जनमानस को द्वंद्वग्रस्त करते रहे हैं। जिसमें मूल प्रश्न है कि राम ने वाली को छिपकर क्यों मारा? क्या राम के द्वारा वाली को इस प्रकार छिपकर मारे जाना उचित था? वह कौन सा शाप था, जिसके कारण वाली ऋष्यमूक पर्वत पर नहीं जा सकता था? वह कौन सा वरदान था, जिसके कारण वाली अपने सामने वाले की आधी शक्ति का हरण कर लेता था? वाली के वध के बाद उसकी पत्नी तारा ने सुग्रीव से विवाह क्यों कर लिया? संदेह ग्रस्त होकर सुग्रीव ने राम की परीक्षा क्यों ली? लंका में बंदिनी सीता किस प्रकार का जीवन व्यतीत कर रही थी? रावण और उसकी पत्नी मंदोदरी के आपसी संबंध कैसे थे? बाली और रावण के क्या संबंध थे? इसके साथ-साथ इस खंड में सुग्रीव, वाली, हनुमान, सीता, तारा इत्यादि पात्रों के मन के गहरे द्वंद्व उभरकर सामने आए हैं। हनुमान और राम की प्रथम भेंट भी इसी खंड में है। राम और हनुमान की प्रथम भेंट का वास्तविक और सटीक वर्णन देखते ही बनता है। यह वर्णन एक अपूर्व दिव्य सौंदर्य को दर्शाता है। इसके बाद इस खंड में वानर दलों के द्वारा सीता की खोज का कार्य दिखाया गया है। विशेष आकर्षण का केंद्र तो वह दल है, जो दक्षिण दिशा में गया है और जिसके प्रमुख पात्र हनुमान रहे।
कुल मिलाकर रामबाण उपन्यास आजतक हमारी बुद्धि के अनेक अनसुलझे प्रश्नों को सुलझाने की सुंदर और सार्थक क्षमता लिए हुए है।